कांच का इतिहास हिंदी में इसका इतिहास बहुत ही पुराना है | यह माना जाता है कि इसका उपयोग लगभग कई हजारो सालों से किया जाता था।
आजके दिने देखा जाए तो हमारे आसपास कई सारी चीजे कांच की है या फिर हम इसका इस्तेमाल कर रहे है |अपने घर की चीजो में से लेके आप के मोबाइल,घडी,कार,चश्मा,ऑफिस,कम्पूटर,इलेक्ट्रॉनिक जैसे कई सारे चीजो में आज कांच को पाया जाता है |
हालांकि, इसका पता चलता है कि अधिक प्राचीन काल में भी कांच का उपयोग होता था। हिन्दू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार देवराज इंद्र सभा की रचना के बारे में वेदों में इसका उल्लेख है, जिसमें सुन्दर कांच के माध्यम से निर्मित अद्वितीय अभियांत्रिकी भव्यताएं होती थीं।
कांच का इतिहास
इतिहास में, कांच का निर्माण तकनीक में कई परिवर्तन हुए हैं। प्रारंभिक दौर में, कांच का निर्माण मुख्य रूप से मृदाकशी में किया जाता था, जिसमें संगमरमर या सोने की पट्टियों को मिलाकर गर्म किया जाता था। इसके बाद इजिप्शियन और बाबीलोनियन सभ्यताओं ने अपनी खुदाई में कांच के नमूने पाए गए हैं।
इजिप्शियन सभ्यता में, कांच के नमूने मुख्य रूप से त्रिकोणीय पियालों (ट्रिगोनाल वेसल्स) के रूप में पाए गए हैं। ये पियाले खुदाई के दौरान प्यालों और बर्तनों के रूप में उपयोग होते थे। इन पियालों की आकृति गुणवत्ता और आकार की बहुत अच्छी तरह से उत्पन्न की गई थी। इजिप्शियन्स कांच के नमूनों में रंगीन दाग या माखी का उपयोग करते थे, जिससे इन पियालों का सुंदर और आकर्षक रूप बनाया जाता था।
बाबीलोनियन सभ्यता में भी, कांच के नमूने मिले हैं जो मुख्य रूप से चटाई या चिल्ला के रूप में उपयोग होते थे। ये चटाई या चिल्ले मंचों, दीवारों और अन्य संरचनाओं को सजाने के लिए उपयोग होते थे। इन चटाइयों में चारों ओर सजावटी आकृतियाँ, जैसे कि पक्षी, मानवी आकृतियाँ, और जानवरों की आकृतियाँ उत्कीर्ण की गई थीं।
क्रिस्टल ग्लास की खोज आदिम ग्रीस में हुई, जहां कांच के निर्माण की विधियों में परिवर्तन किए गए और ग्रीस के निर्माताओं ने तकनीकी प्रगति करते हुए रंगीन ग्लास और आइने बनाने की क्षमता विकसित की और उच्चतर गुणवत्ता के उत्पादों का निर्माण किया गया।
मध्ययुगीन काल में, यूरोप में ग्लास निर्माण का केंद्र था। इस समय में विंडो ग्लास और आईवर्क ग्लास बनाने की कला विकसित हुई। ग्लास की तकनीकी प्रगति और उत्पादन में वेनिस, स्विट्जरलैंड, और अंग्रेजी कंटिनेंट के कई अन्य शहरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
औद्योगिक क्रांति के साथ, कांच के निर्माण में भी बदलाव हुआ। 19वीं सदी में फ्लोट ग्लास की खोज के बाद, ग्लास के उत्पादन में बड़ी स्थानीयता और अधिक आकारों की उपलब्धता हुई। इससे निर्मित खिड़कियों और दरवाजों का उपयोग विस्तारपूर्वक होने लगा।
फ्लोट ग्लास एक प्रमुख प्रकार का कांच है जो व्यापक उपयोग में लाया जाता है। फ्लोट ग्लास को निर्माण के दौरान एक विशेष प्रक्रिया से बनाया जाता है यह एक ऊँचाई, पतलाई और समान मोटाई वाली साधारणतः सफेद रंग की पट्टी होती है, जिससे इसकी मजबूती, समानता और सफाई प्राप्त होती है।
फ्लोट ग्लास को उच्च तापमान पर तार या तरल पारा धातु में घुलाकर बनाया जाता है। इसके बाद, यह एक विशेष मशीन के ऊपर स्लिप होता है जहां इसे गाढ़ा और समान मोटाई का रूप दिया जाता है। इस प्रक्रिया में फ्लोट ग्लास के दोनों ओर समानता, चमक और समतलता प्राप्त होती है। इसके बाद, यह प्राकृतिक रूप से ठंडा हो जाता है और आवश्यकतानुसार इसे कट कर बारीकी से विभिन्न आकारों में तैयार किया जाता है।
फ्लोट ग्लास का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे इमारतों में खिड़कियों, दरवाजों, और वित्रों के लिए, संगठनों में डिस्प्ले केस और उपकरणों के लिए, वाहनों में विंडशील्ड और साइड ग्लास के लिए, और विभिन्न गहनों, सामग्रियों और औजारों के लिए। फ्लोट ग्लास की मुख्य विशेषताएं हैं उच्च विकर्षण क्षमता, सफाई, समता और अच्छी पारदर्शिता, जो इसे आमतौर पर चयन के लिए उपयुक्त बनाती है।
आधुनिक काल में, कांच के उपयोग का क्षेत्र और विस्तार बढ़ा। कांच के आविष्कार विज्ञानिक और औद्योगिक अद्यतन के साथ हुए हैं, जिससे एक विस्तृत और आधुनिक कांच उत्पादन क्षेत्र विकसित हुआ है। आजकल, कांच का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर ऊर्जा, अभियांत्रिकी, इलेक्ट्रॉनिक और वाणिज्यिक उपयोगों में होता है।
यहां तक कि आधुनिक कांच के उत्पादन में एक प्रगतिशील परिवर्तन के रूप में, स्मार्ट कांच (Smart Glass) भी विकसित हुआ है, जो अपनी पारदर्शिता को स्विच करके विभिन्न दृश्यों और पैटर्नों को प्रदर्शित कर सकता है।
यह था कांच का इतिहास हिंदी में। आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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कांच का निर्माण
कांच का निर्माण एक योजनाबद्ध प्रक्रिया है जिसमें कांच राख और अन्य उपयोगी पदार्थों को उच्च तापमान पर पगड़ी और पचाया जाता है। कांच निर्माण की प्रक्रिया कुछ इसतरह होती है :
- सामग्री की तैयारी: कांच निर्माण की प्रक्रिया में सिलिका (सिलिका डाइऑक्साइड) और अन्य धातुओं का मिश्रण शामिल होता है। धातुओं का चयन उच्च तापमान पर दागी ग्लास के गुणों के अनुसार किया जाता है।
- राख या बैचिंग: तैयार किए गए सामग्री को एक बड़े भट्टे में डालकर ऊष्मागत या बैचिंग करते हैं। इस प्रक्रिया में किसी पदार्थ को मध्यम से धीमी गति से गर्म किया जाता है ताकि विषमता और तनाव कम हो जाए। फिर सामग्री को उच्च तापमान पर पकाया जाता है ताकि यह मेल कर एक हॉमोजीनियस द्रव बने।
- फार्मिंग: बैचिंग पूर्ण होने के बाद, विषमता और तानाव शामिल किए गए द्रव को गाढ़ा किया जाता है। फिर उसे उपयुक्त आकार देने के लिए मोल्ड में डाला जाता है जिससे उसका निर्माण उदेश्य और अभिप्रेत के आधार पर हो सके।
- कांच का तापीय प्रसंस्करण: इस प्रक्रिया में द्रव तरल होते हैं और एक मददीय में एकीकृत हो जाते हैं जो मोल्ड में डाले गए द्रव को तापीय प्रसंस्करण (फ्यूजिंग) करके उच्च तापमान पर पकाया जाता है।
- सतहीकरण और पोलिशिंग: उसकी चमक बढ़ाने के लिए उसे प्रसंस्कृत कांच की सतहों को सतहीकृत किया जाता है ताकि और सड़की हो जाए। इसके बाद, कांच को पोलिश करके सफाई और चमकाया जाता है।
- कटिंग और उपयोग: अंतिम चरण में, निर्मित कांच को उपयोग के लिए आकार दिया जाता है। इसे विभिन्न आकारों में कटा जाता है, जैसे खिड़कियाँ, दरवाजे, गहने, सामग्री आदिके रूप में ।
इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न विशेषज्ञताएं, तकनीक और उपयोगों के आधार पर इसमें थोड़ी बदलाव भी हो सकती हैं।
कांच के प्रकार
- प्लेन ग्लास
- टिंटेड ग्लास
- लैमिनेटेड ग्लास
- कांच के आईने
- स्मार्ट ग्लास
प्लेन ग्लास: यह साधारण और सामान्य रूपवाला कांच होता है जिसमें कोई आकृति या डिज़ाइन नहीं होता है। इसे सामान्यतः पर्दों, विंडोज़ और कांच के अन्य उपयोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
टिंटेड ग्लास: यह रंग तापमान नियंत्रण और धूप की रोशनी को कम करने के लिए इस्तेमाल होता है। टिंटेड ग्लास रंगीन होता है और उच्च तापमान पर तैयार किया जाता है। टिंटेड ग्लास विंडोज़, गाड़ियों के विंडशील्ड और स्क्रीनिंग प्रणालियों में उपयोगी होता है।
लैमिनेटेड ग्लास: लैमिनेटेड ग्लास में दो या अधिक ग्लास प्लेट्स को प्लास्टिक इंटरलेयर के बीच बंधा जाता है। लैमिनेटेड ग्लास बगीचों, व्यावसायिक इमारतों और सुरक्षा संबंधित उपयोगों के लिए उपयोगी होता है। यह ग्लास उच्च सुरक्षा प्रदान करता है, क्योंकि जब यह टूटता है, तो शीशे के टुकड़ों को इंटरलेयर पकड़ लेता है।
कांच के आईने: आईने कांच के विशेष रूप हैं जिनमें एक तार कोट लगा होता है जो उसकी पारदर्शिता को बढ़ाता है। इन्हें आईनों और सजावटी उपयोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
स्मार्ट ग्लास: स्मार्ट ग्लास विशेष तकनीकी विशेषताओं के साथ बनाया जाता है, जैसे कि स्विचेस, इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण और पारदर्शी प्रणालियाँ। यह ग्लास ऊर्जा सुरक्षा, धूप की नियंत्रण, गोली-भरी रोशनी और गोली-भरी सुरक्षा जैसे विशेषताओं को प्रदान करता है।
स्मार्ट कांच (Smart Glass) एक प्रगतिशील कांच की प्रकार है जिसमें कांच की पारदर्शिता या अपारदर्शिता को विज्ञानिक तकनीक के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। यह विशेष संरचना या पोलिमर वाले स्लीकों का उपयोग करके या पट्टियों में एक्टिव फिल्म या विद्युतीय दबाव के द्वारा अपने पारदर्शिता स्थिति को बदल सकता है।
स्मार्ट कांच का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे इमारतों के खिड़कियों, दरवाजों, विंडशील्ड, गेट्स, पारदर्शी पर्दे, स्क्रीनिंग प्रणालियों, विज्ञापन बोर्ड, विज्ञान केंद्रों, व्यावसायिक कार्यालयों आदि में भी किया जाता है।
स्मार्ट कांच के उपयोग का मुख्य उद्देश्य है उच्च स्तर पर प्राकृतिक रोशनी और गर्मी के नियंत्रण को सुनिश्चित करना है।अपनी अद्वितीय तकनीकी विशेषताओं के कारण प्रचलित हो रहा है और यह स्थायीता, ऊर्जा सुरक्षा, वातावरणीय तकनीक और आधुनिक ढंग से निर्मित अवसर प्रदान करता है।
विश्वभर से कांच कहा कहा से पाया जाता है?
कांच विश्वभर में कई स्थानों से प्राप्त किया जाता है। यहां कुछ प्रमुख कांच के उत्पादन स्थानों का उल्लेख किया गया है:
भारत: भारत में ग्लास उद्योग विभिन्न भागों में देशभर में फैला हुआ है, जैसे कि फिरोजाबाद, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और दिल्ली आदि।
मुरानो, इटली: मुरानो इटली के वेनीस समुद्री द्वीप पर स्थित है और एक प्रमुख कांच उत्पादन केंद्र है।
जापान: यहां कांच के उत्पादन में उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता का उपयोग किया जाता है।
कुंपना, चेक गणराज्य: कुंपना चेक गणराज्य में स्थित है और यह दुनिया भर में बाहरी तरीके से स्टेन्डर्डाइज्ड कांच का उत्पादन करने के लिए प्रसिद्ध है।
इसके आलावा भी कई और देश भी कांच का उत्पादन कर रहे है |
कांच किस प्रकार का द्रव है
कांच (Glass) एक अमोर्फ संरचनावाला द्रव है यह किसी निश्चित आकार या घनत्व के साथ नहीं होता है और यह ठंडा होने पर कठोर हो जाता है जो एक अपेक्षाकृत रचनात्मक और वातावरणीय पदार्थों के मिश्रण से बना होता है।
कांच की प्रमुख घटकों में शीशा कांच (Silica glass) मूल घटक सिलिका होता है, जिसे सिलिका अथवा सिलिका डाइऑक्साइड (Silica or Silicon Dioxide) के रूप में भी जाना जाता है, और सोडा कांच (Soda glass), और पोटास कांच (Potash glass) भी शामिल होते हैं।
शीशा कांच (Silica glass) या वानिकांच (Window glass) आपसी मिश्रण के रूप में प्रयुक्त होता है, जिसमें सिलिका (Silica) प्रमुख घटक होता है। सिलिका का मिश्रण पोटेशियम कार्बोनेट (Potassium Carbonate) या सोडियम कार्बोनेट (Sodium Carbonate) या और अन्य विभिन्न तत्वों के साथ उपयोग किया जाता है ताकि कांच की विशेषताएं और गुणवत्ता मिल सकें।
कठोर कांच का निर्माण कैसे होता है?
कठोर कांच (Tempered Glass) का निर्माण विशेष प्रक्रिया के माध्यम से होता है जिससे कि इसकी सतह कठोर और प्रतिरोधी हो जाती है।
सबसे पहले, एक उच्च गुणवत्ता वाले सामान्य कांच की शीट तैयार की जाती है जो एक कच्चा कांच होता है जिसको उंच्च तापमान पर पिघलाया जाता है फिर उसे ठंडा होने दिया जाता है जिससे वो कठोर हो जाये जिसे जेडिंग कहा जाता है |
फिर कच्चे कांच को ठंडे होने और तापमान के चक्र में धीरे से ठंडा किया जाता है जिसे क्वेंचिंग कहा जाता है, इससे कांच की सतह ठंडी हो जाती है लेकिन अन्दर से प्रभावी तापमान के कारन कांच को कठोर बनाती है |
कठोर होने के बाद इसे जनरेशन के लिए सामान्य तापमान पर रखकर कठोरता में तनाव उत्पन्न किया जाता है ताकि कांच अधिक प्रतिरोधी हो जाये |
कठोर कांच के निर्माण के बाद, यह सतह प्रतिरोधी और मजबूत होता है, जिससे इसे नुकसान, धधकना और जख्मों से बचाने की क्षमता मिलती है।
कठोर कांच विपणित उपयोगों में जैसे कि विंडोज, डोरफ्रेम, ऑटोमोबाइल विन्डशील्ड, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि में उपयोग होता है।
कांच के उपयोग
कांच एक विस्तृत उपयोगिता वाला पदार्थ है और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। जैसे की उद्योगों, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, इमारती और निर्माण, आभूषण, उपहार और दर्शनीय उपयोगों में शामिल होता है। इसके आलावा कांच का उपयोग और उद्योगों की विस्तारपूर्वक सूची में भी शामिल होता है।
Conclusion
कांच का इतिहास बहुत पुराना है और इसका उपयोग मानव सभ्यताओं द्वारा लंबे समय से किया जा रहा है। यह प्राचीनतम उपकरणों में से एक है और मानवीय विकास के साथ-साथ उसका उपयोग और उत्पादन विधियों में विशेष विकास हुआ है।
कांच का प्रारंभिक उपयोग लगभग 3500 ईसा पूर्व समय के आसपास मेसोपोटेमिया, इंदस और ईजिप्ट में पाया जाता है। यहां पर्यावरणीय संसाधनों, धातुओं, और अन्य सामग्रियों के मिश्रण से शीशे के निर्माण की प्रक्रिया का आरंभ हुआ।
कांच का उपयोग मूर्तिकला, आभूषण, शास्त्रीय उपकरण, आयात-निर्यात व्यापार, वाणिज्यिक उपयोग, निर्माण और इमारती, औद्योगिक उपयोग, स्वच्छता के उपकरणों, विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स, उपहार आइटम्स, और कला आदि में होता है।
कांच के विभिन्न प्रकार और उपयोगों के लिए विशेष विकास की गई हैं, जैसे कि उच्च-ग्रेड ऑप्टिकल ग्लास, फ्लोट ग्लास, स्मार्ट ग्लास, कठोर कांच, अद्भुत रंगीन कांच, और कांच के साथ संगठित उत्पादों की विकासशीलता।
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FAQ- कांच का इतिहास हिंदी में pdf 2023
कांच कैसे बनता है
कांच का निर्माण एक योजनाबद्ध प्रक्रिया है जिसमें कांच राख और अन्य उपयोगी पदार्थों को उच्च तापमान पर पगड़ी और पचाया जाता है।
सामग्री की तैयारी:
राख या बैचिंग :
फार्मिंग:
कांच का तापीय प्रसंस्करण:
सतहीकरण और पोलिशिंग:
कटिंग और उपयोग:
कांच के उपयोग
इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, ऑटोमोबाइल, इमारती निर्माण, उपहार और दर्शनीय उपयोगों में शामिल होता है।
कांच का टूटना
तापमान परिवर्तन,भारी आघात,धक्का या जोर से मारना,प्रतिद्वंद्विता,उम्र का असर के कारन कांच टूट जाता है और कांच का टूटना इन और अन्य कारणों के कारण भी हो सकता है |
हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र के अनुसार कांच का टूटना शुकन समझा जाता है लेकिन टूटा या कांच घर में रखना बहुत अशुभ माना जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है और घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होने लगता है |