पृथ्वी पर सबसे ज्यादा जीने वाला प्राणी कौन कौन है|new 2023

पृथ्वी पर सबसे ज्यादा जीने वाले प्राणी मानव (humans) हैं। मानव जीवन के लिए यह पृथ्वी पर सबसे अधिक आदिकाल से मौजूद हैं और आज भी सबसे व्यापक रूप से फैले हुए हैं।

यदि आप अन्य प्राणियों के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह जानकारी अपने स्थानीय पर्यावरण और भूगोल पर भी निर्भर करती है। पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के प्राणी होते हैं, और उनमें से कुछ बड़े पॉप्युलसन्स के साथ मौजूद हो सकते हैं, जैसे कि छोटे स्तनधारियाँ, कीट, पक्षियाँ, और जानवर।

विभिन्न प्रदेशों और पर्यावरणों में, प्राणियों की अलग-अलग प्रजातियाँ होती हैं, और उनकी संख्या भी भिन्न-भिन्न हो सकती है। उदाहरण स्वरूप, वन्स और फॉरेस्ट्स में जानवर और पक्षियों की अधिक संख्या होती है, जबकि जलवायु और सूखे प्रदेशों में अन्य प्रजातियों के प्राणी हो सकते हैं।

पृथ्वी पर सबसे ज्यादा जीने वाला प्राणी कौन कौन है इस ब्लॉग के माध्यम से हिंदी में जानिए|

मानव (Humans) पृथ्वी पर सबसे ज्यादा आबादी वाले प्राणी हैं। हमारी जनसंख्या वृद्धि के साथ बढ़ती जा रही है और हम दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं। जनगणना डेटा के अनुसार, पृथ्वी पर कुल जनसंख्या बिलियन मै है, और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इसके आलावा कृषि जो खेतीबाड़ी में उपयोग में लीए जानेवाले फिर पक्षी और किट प्राणी का नंबर आता है |

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Table of Contents

पृथ्वी पर सबसे ज्यादा जीने वाला प्राणी की सूचि

मानव :

मानव (Humans) पृथ्वी पर सबसे ज्यादा आबादी वाले प्राणी हैं। मानव एक विशेष प्रजाति है जिसके लिए बुद्धि, सामाजिक संगठन, और सांस्कृतिक विकास के कई आधारभूत विशेषगुण हैं।

मानव ने पृथ्वी पर अपने आवास, खानपान, और सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के प्रौद्योगिकी उपकरण विकसित किए हैं, जैसे कि घर, कपड़े, और जीवन के लिए आवश्यक सामग्री।

मानव भाषा, विचार, और विश्वासों के माध्यम से भी अपने ज्ञान और अनुभव को पास करते हैं। हम समाज में विभिन्न भूमिकाओं का पालन करते हैं और विभिन्न प्रकार के कौशलों का प्रशंसा करते हैं, जैसे कि कला, विज्ञान, साहित्य, और प्रौद्योगिकी।

मानव जीवन ने पृथ्वी के पारिस्थितिकीय संरचना और जीवन के साथी प्राणियों के साथ प्रभाव किया है, और हमारे कार्यों का पृथ्वी के पारिस्थितिकीय सिस्टम पर भी प्रभाव पड़ता है।

इसलिए, मानव ने पृथ्वी पर अपना विशेष स्थान बनाया है और उनका जीवन पृथ्वी के अन्य सभी प्राणियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।

सामान्य रूपसे मानव की औसत आयु रेखा ज्यादा से ज्यादा १०० साल तक की होती है |

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कृषि जानवर :

“कृषि जानवर” एक व्यापक शब्द है जो उन प्राणियों को सूचित करता है जिन्हें कृषि में काम में लिया जाता है और जो कृषि के लिए उपयोगी होते हैं। ये जानवर खेतों में काम करने, खेतों की खुदाई करने, खेतों को जोतने और फसलों की देखभाल करने में मदद करने के लिए पाले जाते हैं।

कुछ मुख्य कृषि जानवर निम्नलिखित होते हैं:

१. गाय (Cow):

गौ माता पूरी मानवजाति को दूध प्रदान करती है और इसके आलावा गाय गोबर देती है जो खेतो में खाद के लिए किया जाता है |गाय का गौ मूत्र धार्मिक कार्य और इलाज के लिए भी अक्सीर माना जाता है |

२. भैंस (Buffalo):

भैंस भी दूध के उत्पादन के लिए पाली जाती है और उनके दूध से दूधी उत्पादन होता है, जिससे घी, मक्खन, छाश, मलाई, और दूधी उत्पादन किया जाता है।

3. बकरी (Goat):

बकरी से दूध, बकरी के बछड़े, और मांस के उत्पादन किया जाता है, और बकरी के दूध को छोटे बच्चों के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी माना जाता है जो बुखार और पेट की बीमारियों के लिए बेहतरीन होता है |

४. उबलू (Sheep):

उबलू से ऊन और मांस के उत्पादन किया जाता है। ऊन मेसे सर्दी के लिए गर्म कपडे, मफ़लर, थेला जैसा बनाया जाता है |

५. बैल (Oxen):

बैल खेतो में हल चलने के लिए और बोज़ी गाडियों को खीचने के लिए उपयोगी होता है | बैलो के पैर खेतीबाड़ी की मिटटी से जब घिसके चलते है तो उनसे फसल अच्छी पैदा होती है |

६. घोडा (Horse):

घोडा भी मानवजाति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करता है पहले के समय में आवागमन के लिए और बोज़ी गाडियों को खीचने के लिए उपयोगी माना जाता था |

७. गधा (Donkey):

गधे का उपयोग भी मालवाहक के लिए किया जाता है, और शिखरों पर सामान चढाने के लिए इसका ज्यादातर उपयोग होता है |

८. कुत्ता (Dog):

कुत्ता घर की देखभाल के लिए बहुत ही उपयोगी होता है | ये दिनरात घर की रखेवाली करता है और ये मानव जाती का प्रिय भी है |

९. बिल्ली (Cat):

भगवान् ने सभी पशु पक्षी और मनुष्य को एक दुसरे पर निर्भर या किसी ना किसी जानवर के सहारे जीना संभव बनाया है | बिल्ली घर के अंदर घूम रहे चूहे को खा कर अपना पोषण करती है, और मनुष्य घर पर बिल्ली को पालतू जानवर के तौर पर रखते भी है |

१०. उबलू (Sheep):

उबलू से ऊन जो मानवजाति गर्म वस्त्रों के लिए उपयोग में लेता है, और मांस के उत्पादन किया जाता है।

जलचर :

“जलचर प्राणी” वह प्राणी होते हैं जो पानी में रहते हैं और अपने जीवन का अधिकांश समय जलमग्न अवस्था में बिताते हैं। ये प्राणी समुद्र, नदी, झील, तालाब, और अन्य जलस्रोतों में पाए जा सकते हैं। जलचर प्राणी जल में समुद्रों के गहराई से लेकर आपके नजदीकी पानी की बौछारों तक कई आकार और प्रजातियों में पाए जा सकते हैं।

मछली (Fish):

सबसे सामान्य और चरित्रिक जलचर प्राणी मछली है। इन्हें दुनियाभर के जलस्रोतों में पाया जाता है और विभिन्न आकार और रंगों में हो सकती हैं। मानवजाति इसको खानें के उपयोग में भी लेती है |

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कछुआ (Turtle):

कछुए भी जलचर प्राणी हैं जो अपने घर को समुद्र या नदी के तट पर बनाते हैं, कछुए की आयु रेखा बहुत ही लम्बी होती है |

मेंढ़क (Frog):

मेंढ़क भी जलचर प्राणी हैं जो जलमग्न स्थितियों में रहते हैं और अपनी जीवनशैली के लिए जल का उपयोग करते हैं। मेंढ़क बारिश के समय में ज्यादातर दिखाय देते है |

जलपक्षी (Aquatic Birds):

कुछ पक्षियाँ जलमग्न स्थितियों में अपना घर बनाती हैं जैसे की बतख, नकुले, और किंगफिशर जलपक्षी हो सकते हैं |

जलचर कीट (Aquatic Insects):

जलमग्न स्थितियों में कई प्रकार की कीटें भी पाई जाती हैं जैसे कि जल तंतुओं, कई अलग प्रकार के कीटों, और मुग्गा (मच्छर) जैसे होते है|

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भूचर :

भूचर प्राणियों के कई प्रजातियां हैं जो भूमि के अंदर रहती हैं और अपने आचार्यनियमानुसार जीवन चलाती हैं। ये जीवन भूमि की गहराईयों में बसे रहते हैं और अपने आहार और ऊर्जा की आदान-प्रदान के लिए भूमि के साथ संबंधित होते हैं।

मोल:

मोल छोटे पैरों वाले कीट होते हैं जो अपने जीवन का बहुमुखी परिवर्तन करते हैं, और आहार में वृक्षों के पत्तियों, कपास, और अन्य पौधों को खाते हैं।

मोल जमीन के नीचे खुदाई करने में विशेषज्ञ होते हैं और उनकी जीवन शैली इसे अपने स्थान पर अद्वितीय बनाती है। इन्हें अपने खाद्य प्राप्ति, खुदाई कुशलता, और अन्य जीवन प्रक्रियाओं में इन्हें सहारा मिलता है।

केटाइड:

केताईड को गुफाओं, छिद्रों, और अन्य भूमि के अंदर बसे रहने के लिए विशेषज्ञ बनाते हैं। केटाइड अपने आहार के रूप में भूमि की छोटी-छोटी पदार्थों, जूं, और मृत सान्तरित को खाते हैं।


“केटाइड” (Cetacea) में विभिन्न प्रजातियों के समूह को समाहित किया जाता है, जो समुद्री और समुद्री जीवों को शामिल करते हैं। इनमें दो मुख्य उपग्रह शामिल हैं: ओडोंटोसीटी (दांतयुक्त) और मिस्टोसीटी (मूँछयुक्त)

ये कुछ प्रमुख केटाइड प्रजातियां हैं, जो समुद्री क्षेत्रों में आबाद हैं और इनके विभिन्न आकार, आदतें, और विशेषताएं होती हैं। केटाइड में ब्लू व्हेल, स्पर्म व्हेल, हंपबैक व्हेल, ओर्का, और डॉल्फिन जैसे कई सारे जिव शामिल है |

बैक्टीरिया:

ये भूमि के अंदर के स्थलों में पाए जानेवाले छोटे सिंगल-सेल्ड जीवाणु होते हैं और विभिन्न प्रकार की विघटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। बैक्टीरिया विभिन्न सान्तरित सामग्रियों को खाते हैं और अनेक बारिक्षण प्रक्रियाओं के लिए उपयोग होते हैं।

बैक्टीरिया सबसे सामान्य और प्राचीन जीवाणु हैं, जो पृथ्वी पर पाए जाते हैं और विभिन्न पर्यावरणों में बदले जाते हैं। बैक्टीरिया में नाइट्रोजन विनिक्षेपी बैक्टीरिया जो वनस्पति को नाइट्रोजन प्रदान करता है, मेथानोजेनिक बैक्टीरिया, रोडोबैक्टीरिया, ग्राम-सकारात्मक और ग्राम-नकारात्मक बैक्टीरिया, सियानोबैक्टीरिया, दीर्घक्रिया बैक्टीरिया जैसे कई सारे है |

मुक्षायुक्त:

इन्हें भूमि और गुफाओं के अंदर की गहराईयों में पाया जाता है। मुक्षायुक्त अपना आहार कीटाणु, मृत सान्तरित, और अन्य छोटे जीवाणुओं से प्राप्त करते हैं। ये विशेष रूप से कवकों और फंगस से जुड़े जीवों के खाने का सामर्थ्य रखती है।

मुक्षायुक्त में मुक्षायुक्त मछली, कीट, पक्षी, और कई तरह के साँप प्रजातियों अपने लक्षण के रूप से कवकों और फंगस को अपने आहार के रूप में उपयोग करते है |इनके खाने से उन्हें आवश्यक पोषण प्राप्त होता है।

इस तरह, ये जीवों अपने आसपास के पर्यावरण के साथ संघर्ष कर सकते हैं और अपने जीवन का सामर्थ्य बनाए रख सकते हैं।

ये हैं कुछ उदाहरण भूचर प्राणियों की, लेकिन इस श्रेणी में और भी कई अन्य जीवों की प्रजातियां हो सकती हैं जो भूमि के अंदर रहती हैं |

प्राणी :

वन्यजनी प्राणी वह जीवन्त जंगली जीवों का समूह है जो निजी प्रोपर्टी में नहीं पाए जाते हैं और जो प्राकृतिक रूप से अपने नैतिक और जीवन की अपनी निरंतर विकास प्रक्रिया में शामिल हैं। इन्हें वन्यजनी से भिन्न किया जाता है क्योंकि वन्यजनी शब्द का अर्थ होता है जो जंगली बन्या जाए या वन्यकृत, जबकि वन्यजनी प्राणी सीधे तौर पर जंगली जीवों को संकेत करता है।

वन्यजनी प्राणियों में विभिन्न प्रजातियाँ होती हैं, जो विभिन्न भू-जल-वायु प्रणालियों में अपने आवासीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इनमें शेर, हिरण, हाथी, बाघ, लेओपर्ड, हाथी, खरगोश, वन्यगाई, भालू, खरगोश, और अन्य जीवाणु शामिल होते हैं।

वन्यजनी प्राणियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि इनका संरक्षण बायोडाइवर्सिटी को बनाए रखने और प्राकृतिक संतुलन को सुरक्षित करने में मदद करता है। इनके अंग्रेजी में योजना बनाने और वन्यजनी प्राणियों की रक्षा के लिए विशेषज्ञों को शामिल करने के लिए विभिन्न राष्ट्रों ने कई प्रकार की योजनाएं बनाई हैं।

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बाघ (Tiger):

बाघ (Tiger) एक शानदार जंगली प्राणी है जो बड़े तेजी से दौड़ने, शिकार करने, और आकारशाली रूप से मशहूर है। बाघ जंगलों, घास के मैदानों, और बहुतलीय क्षेत्रों में पाया जाता है और इसकी एक विशेष विशेषता यह है कि यह अकेले शिकार कर सकता है।

बाघ का रंग सफ़ेद ओर काला होता है और लम्बाई 7 से 9 फिट तक होती है ओर वजन २०० से ३०० किलोग्राम तक का होता है |

बाघ की आयु 10 से 15 वर्षों तक की होती है, लेकिन यह आयु किसी विशेष स्थान, पर्यावरण, और पोषण की स्थिति पर भी निर्भर कर सकती है। यह ध्यान दने वाली बात है कि वन्यजनी प्राणियों की आयु में कमी हो सकती है जब वे मानव से होने वाले संघर्षों, शिकार, और वायरस जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं।

शेर (Lion):

शेर वन्यजनी प्राणियों में समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इसे जंगल का राजा कहा जाता है।

शेरों की आयु में भी विभिन्न अंशों का प्रभाव होता है और यह जीवनस्थितियों, पोषण, और पर्यावरण के अनुसार बदल सकती है। शेरों की सामान्यत: आयु 10 से 15 वर्षों के बीच होती है, लेकिन यह भी विशेष तथ्यों के आधार पर बदल सकती है।

शेर की आयु का मूल्यांकन करने के लिए उनकी पंजों, दांतों, और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच की जा सकती है। बच्चे शेरों के दांत और पंजे अच्छे तरीके से विकसित नहीं होते हैं, और इन्हें बड़े होने में कुछ वर्ष लग सकते हैं।

हाथी (Elephant):

वन्यजनी प्राणियों में हाथी सबसे बड़ा भूमि पर रहने वाला जानवर है और इसके बड़े दांतों के लिए प्रसिद्ध है। हाथी की ऊँचाई कुछ भी 8 फीट से 13 फीट तक हो सकती है और उनका वजन 4,500 किग्राम से 11,000 किग्राम तक हो सकता है।

हाथी की आयु में भी कई परिस्थितियों का प्रभाव होता है, और इसमें उनके जीवनस्थान, पोषण, और रक्षा की व्यवस्था शामिल है। हाथी की सामान्य आयु 60 से 70 वर्षों तक की हो सकती है, लेकिन इसमें विशेषताएँ जाति और पर्यावरण के आधार पर बदल सकती हैं।

हिरण (Deer):

हिरण एक छोटे से लेकर बड़े आकार के तकड़ीरी प्राणी हैं और इन्हें अक्सर जंगलों में देखा जा सकता है। हिरण का वैज्ञानिक नाम “Cervidae” है और इसमें कई प्रजातियाँ शामिल हैं, जैसे कि बारासिंघा, चीतल, मुला, और सांभर।

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इनकी ऊँचाई 1.5 से 6 फीट तक होती है और इनका वजन 30 से 300 किग्रा तक हो सकता है। उनका रंग सामान्यत: भूरा, काला, या सुनहरा होता है।

हिरण की सामान्यत: आयु 8 से 20 वर्षों के बीच हो सकती है, लेकिन यह विभिन्न प्रजातियों के आधार पर अलग हो सकता है। उनकी आयु को मापन करना कठिन हो सकता है

बाराहसिंगा (Rhinoceros):

ये एक बड़े और शक्तिशाली हिरण की प्रजाति है,ओर यह भारत, नेपाल, लाओस, थाईलैंड, वियतनाम, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, और मलेशिया में पाया जाता है। बाराहसिंगा की आयु लगभग 8 से 15 वर्षों तक की होती है |

बाराहसिंगा का आकार सामान्यत: ५ फुट से ६ फुट तक हो सकता है, और इनका वजन लगभग 300 किग्रा तक हो सकता है। इनकी विशेषता में बड़े, चक्करदार सीर और विशेषकर पुरुषों में १२ से १४ ताक की मूछ होती है, जिसे बाराह कहा जाता है, जिससे इनका नाम बाराहसिंगा प्राप्त हुआ है। इनका रंग सामान्यत: साना होता है और वे जंगली पर्यावरण में अच्छी तरह से मेल खाते हैं।

चीता (Cheetah):

यह एक गहरे रंगों वाला बड़ा मांसाहारी क्षेत्रीय प्राणी है जो विभिन्न प्रजातियों में पाया जाता है, और यह आफ्रीका, एशिया, में मिलता है। चीता का आकार बड़ा होता है और इसका वजन लगभग 40 से 65 किग्रा तक हो सकता है।

चिता की सामान्यत: आयु 10 से 15 वर्षों के बीच होती है, और इसकी पहचान मुख्यत: अंगुलीयों की कलियों द्वारा की जाती है |

भालू (Bear):

भालू एक मांसाहारी जानवर है जो विभिन्न प्रजातियों में पाया जाता है जो गर्मी और ठंडकीय स्थानों पर पाया जाता है। यह जानवर एक शक्तिशाली शरीर, बड़े पैर, और विशिष्ट मुख्या से पहचाना जाता है।

इसका वजन 200 से 1,500 पाउंड तक हो सकता है ओर ऊँचाई 5 से 9 फीट तक हो सकती है और रंग भी विभिन्न हो सकता है, जैसे कि काला, भूरा, या गहरा नीला।

भालू की आयु 20 से 30 वर्षों तक हो सकती है, लेकिन यह इनकी प्रजाति और पर्यावरण के अनुसार भिन्न हो सकती है।

हाथियारी कुत्ता (Wild Dog):

हाथियारी कुत्ता, जिसे कई बार अर्थशास्त्री, अर्थी कुत्ता या मस्तीफ के नाम से जाना जाता है, एक शक्तिशाली और बड़े आकार का कुत्ता होता है इनका मुख्य उद्देश्य लोगों और संपत्ति की सुरक्षा करना है। इसे सेना, पुलिस, और सुरक्षा के क्षेत्र में इस्तेमाल किया गया है।

इनकी ऊँचाई लगभग 2.5 से 3 फीट तक हो सकती है और इसका वजन 90 पाउंड से ज्यादा हो सकता है। आमतौर पर, हाथियारी कुत्तों की आयु लगभग 8 से 10 वर्षों तक हो सकती है |

पंछी :

पंछियों की आयु में अंतर विभिन्न प्रजातियों केहिसाब से होता है, और यह आवश्यकताओं, पर्यावरण, और जीवनशैली के आधार पर बदल सकता है। इसके बावजूद, कुछ पंछी बहुतंत्री रह सकते हैं और दीर्घकालिकता में प्रमुख रूप से अग्रणी हो सकते हैं |

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कबूतर (Pigeon/Dove):

यह गोल मोटे शरीर, छोटे पैर, और समथर पंखों के साथ पहचाना जा सकता है। यह एक स्थायी आबादी वाला पंछी है और उदाहरणार्थ शहरों, कुएँ, और गाँवों के पास आमतौर पर पाया जाता है।

कबूतरों की आयु में अंतर उनके प्रजातिकी और पर्यावरणिक तत्वों पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यत: ये 3 से 5 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं। इनका जीवनकाल उनके आस-पास के स्थानों, खाद्य संसाधनों, और सुरक्षा स्तर पर निर्भर करता है। ये मुख्यत: अंडों, बीज, फलों, और छोटे कीटाणुओं का भोजन करते हैं।

काकापो (Kakapo):

काकापो, जिसे उल्लेट रूसी या न्यूजीलैंड पैरॉट भी कहा जाता है, यह न्यूज़ीलैंड का एक अद्भुत पर्यावरणीय विमुक्त पंछी है और लंबे समय तक जीवित रह सकता है।

काकापो की आयु विशेष प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: इसकी जीवनकाल अधिकांशत: 60 वर्ष से ज्यादा तक हो सकती है। यह बहुतंत्री पंछी है और अपनी दीर्घकालिकता के लिए प्रसिद्ध है।

कौआ (Crow):

कौआ, जो कई भिन्न प्रजातियों में पाया जाता है, एक बुरा, चोंच और काला रंग का पक्षी है जो आमतौर पर शहरों, गाँवों और खुले मैदानों में पाया जाता है। कौए का विश्वभर में विस्तार हुआ है और यह एक सफल और सुरक्षित पक्षी है जो विभिन्न पर्यावरणों में अपने आसपासी बसने का तरीका बना रखा है।

कौए की आयु सामान्यत: 7 से 10 वर्ष के बीच होती है, लेकिन यह आधारित हो सकता है उसके आसपास के स्थान, आहार उपलब्धता, और शरीरिक स्वस्थता पर। ये बहुतंत्री पक्षी हैं और विभिन्न प्रदेशों में अलग-अलग वातावरणों में जीवन निर्माण कर सकते हैं।

अल्बेट्रॉस (Albatross):

अल्बेट्रॉस, समुद्री क्षेत्रों में विकसित होने वाला एक बड़ा पक्षी है जो वायुमंडल का उपयोग करके लम्बी दूरी को तै करने के लिए प्रसिद्ध है।

यह बहुतंत्री पक्षी है और अपनी शानदार उड़ान और दीर्घकालिक उड़ान क्षमता के लिए जाना जाता है। इनका आकार बड़ा होता है, और इसके पंखों की पंजा लंबी होती है, जो उड़ान के दौरान मदद करती है।

यह एक बहुतंत्री प्रजाति है जिसकी आयु प्रजातियों के हिसाब से ४० से ७० वर्ष तक की होती है अल्बेट्रॉस की लंबी जीवनकालिकता उसके उड़ान क्षमता और बहुतंत्री जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है |

बाज (Hawk/Eagle):

“बाज” शब्द सामान्यत: हाक या ईगल के पंछी को दर्शाने के लिए उपयोग होता है, जो गिद्ध या बाजपक्षी वर्ग से हो सकते हैं। ये पक्षी उच्च उड़ान और अच्छी चट्टानों पर बैठकर अपना शिकार करने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं। बाजपक्षी कई प्रजातियों में आती हैं, जैसे कि गीध, चील, आदि।

इन प्रजातियों की आयु विभिन्न हो सकती है और इसे एक स्थान, आबादी, और जीवनशैली के आधार पर १० से ३० वर्ष तक हो सकता है।

स्वैन (Swan):

स्वैन एक हंस प्रजाति है जो सुंदर और अग्रणी पंछियों के रूप में मशहूर है। इनकी सुंदरता, लम्बे गर्दन, और गरीब भी संस्कृति में महत्वपूर्ण रूप से दृष्टिग्रहण की गई हैं। स्वैन विभिन्न प्रजातियों में आते हैं, लेकिन सामान्यत: म्यूट (Mute), त्रंस्ट्र (Tundra), ओग्रे (Whooper), और ब्लैक नेक (Black Neck) स्वैन प्रजातियाँ प्रमुख हैं।

स्वैन की आयु उसके प्रजाति और पर्यावरण के आधार पर भिन्न हो सकती है। सामान्यत: स्वैन की आयु 15 से 20 वर्ष के बीच हो सकती है, लेकिन कुछ प्रजातियाँ इससे भी अधिक जीवित रह सकती हैं।

गाने वाला मैना (Myna):

गाने वाला मैना एक बहुतंत्री पक्षी है जो गौरी और काले रंगों के साथ सुंदर और शक्तिशाली पंखों के लिए प्रसिद्ध है। और यह एशिया के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है।

गाने वाला मैना बाजपक्षी परिवार से है और इसकी कई प्रजातियाँ हैं, लेकिन गौरी मैना एक प्रमुख प्रजाति है जो अधिकतर इंडिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में पाई जाती है।

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गाने वाला मैना की आयु सामान्यत: 5 से 10 वर्ष के बीच हो सकती है, लेकिन यह इसके आसपास के क्षेत्र, आबादी और पारिस्थितिकियों पर निर्भर कर सकती है।

मोर (Peacock):

यह एक बहुतंत्री पक्षी है जो अपनी सुंदर और विशेष पंखों के लिए प्रसिद्ध है, और यह भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह विशेष रूप से अपने उच्च और विस्तृत पंखों के लिए पहचाना जाता है, जो विभिन्न रंगों में चमकते हैं।

मोर की आयु विभिन्न कारणों पर निर्भर कर सकती है, जैसे कि उसके पर्यावरण, खाद्य स्रोत, और सुरक्षा स्तर पर। मोर की आयु 15 से 20 वर्ष के बीच हो सकती है, लेकिन कुछ की आयु इससे भी अधिक हो सकती है।

बुलबुल (Bulbul):

बुलबुल एक छोटा पक्षी है जो आमतौर से गौरी और काले रंगों के साथ सुंदरता के लिए जाना जाता है, और यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जिसमें गुलाबी गले वाला और हिंदी बुलबुल (Indian Bulbul) शामिल हैं। ये चिरपिंग आवाज, चहचहाना और गायन के लिए प्रसिद्ध हैं।

इसकी आयु 5 से 10 वर्ष के बीच होती है। यह गुलाबी गले वाला बुलबुल भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में पाया जाता है और अपने गायन और छोटे पंखों के लिए मशहूर है।

कोकको (Cockatoo):

कोकको, जिसे विज्ञान में कॉकाटू (Cockatoo) कहा जाता है, एक बड़ा और चमकीला पक्षी है जो अपने विशेष गर्वित पंखों के लिए प्रसिद्ध है। यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है और उसके पंखों का रंग सबसे पहले आता है। कोकको अपनी शानदारता, चटकारी, और सामाजिक स्वभाव के लिए प्रसिद्ध हैं।

कोकको की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: यह 40 वर्ष तक जीवित रह सकता है। इसके लंबे जीवनकाल के लिए एक साथी के साथ रहने की प्रवृत्ति भी होती है।

किंगफिशर (Kingfisher):

किंगफिशर, जिसे हिंदी में “राजा मत्स्यकुंभ” कहा जाता है, एक छोटा पक्षी है जो जल और तटीय क्षेत्रों में रहता है। यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जो उदाहरणार्थ हिंदी किंगफिशर, पिएजा, और कॉमन किंगफिशर शामिल हैं।

किंगफिशर की आयु विभिन्न प्रजातियों और उनके जीवनकाल में भिन्नता के कारण भिन्न हो सकती है। सामान्यत: किंगफिशर की आयु 3 से 5 वर्ष के बीच होती है, लेकिन यह इसके जीवनकाल के आस-पास के क्षेत्र, आबादी, और जीवनशैली पर निर्भर कर सकती है।

कोयल (Cuckoo):

यह एक प्रसिद्ध और सुंदर पक्षी है जिसकी विशेषता यह है कि यह अपने गाने के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जिनमें कोयल, चातुख, और ब्रॉन्ज कुकू शामिल हैं।

कोयल की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: कोयल की आयु १ से ३ वर्ष के बीच हो सकती है। यह एक मुक्त उड़ानी पक्षी है जो गाने के लिए प्रसिद्ध है।

अबाबील (Swallow):

अबाबील, जिसे हिंदी में “स्वैल” कहा जाता है, एक छोटा और चुस्त पक्षी है जो अपनी तेज उड़ान और छोटे पंखों के लिए प्रसिद्ध है। यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जिनमें बार्न स्वैल, हाउस स्वैलो, और ट्री स्वैलो शामिल हैं।

अबाबील की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: इसकी आयु 4 से 6 वर्ष के बीच हो सकती है। यह एक मुक्त उड़ानी पक्षी है जो आसमान में तेज उड़ान भरता है।

फ्लैमिंगो (Flamingo):

फ्लैमिंगो, जिसे हिंदी में “फ्लैमिंगो” कहा जाता है, एक बड़ा और चमकीला उद्दीपक पक्षी है जो अपने ऊंचे पैरों और विशेष पंखों के लिए प्रसिद्ध है।

फ्लैमिंगो की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: इसकी आयु 20 से 30 वर्ष के बीच हो सकती है। यह पक्षी उच्च पानी क्षेत्रों में रहता है और अपनी खास धाराओं में रहता है, जो उसे अपना आहार प्रदान करती हैं।

गरुड़ (Vulture):

गरुड़, जिसे हिंदी में “गिद्ध” कहा जाता है, एक बड़ा और कार्कश पक्षी है जो मरे हुए जानवरों के शवों से अपना भोजन प्राप्त करता है।

गरुड़ की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: इसकी आयु 20 से 30 वर्ष के बीच हो सकती है। यह एक उच्च उड़ानी पक्षी है जो आकाश में बड़ी ऊचाई तक जा सकता है और अपने अच्छे पंजों के लिए पहचाना जाता है।

बैट (Bat):

बैट एक अजीब प्रकार का पक्षी है, जो रात्रि में उड़ने के लिए विशेषज्ञ है। हिंदी में इसे “बैट” कहा जाता है। बैट्स का वैज्ञानिक नाम “Chiroptera” है, और यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जिनमें फ्रूट बैट्स, वेम्पायर बैट्स, और फ्रीटेल बैट्स शामिल हैं।

बैट की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: बैट की आयु लगभग 20 वर्ष हो सकती है। ये रात्रि के समय उड़ने के लिए विशेषज्ञ हैं और अपना भोजन स्थल और शिकार ढूंढने के लिए अपने शोर को बाउंस करके जाने जाते हैं।.

बुटेओ (Buzzard):

बुटेओ, जिसे हिंदी में “बजार्ड” कहा जाता है, एक मध्यम आकार का प्रजातिकी पक्षी है जो हाक और पंजे के साथ उड़ता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Buteo” है और यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जिनमें बोडी बजार्ड, रफूस टेल हॉक, और स्वेनसन हॉक शामिल हैं।

बुटेओ की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: इसकी आयु 10 से 20 वर्ष के बीच हो सकती है। यह एक उच्च उड़ानी पक्षी है जो खुद को ऊचे स्थान पर स्थित करने के लिए प्रिय है

पित्ता (Parrot):

पित्ता, जिसे हिंदी में “तोता” कहा जाता है, एक सुंदर और बुद्धिमान पक्षी है जो अपनी विशेषता और चर्चा के लिए प्रसिद्ध है। यह विभिन्न प्रजातियों में मिलता है, जिनमें इंडियन रिंगनेक, कॉक्टू, और मैकॉ शामिल हैं।

पित्ता की आयु विभिन्न प्रजातियों के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन सामान्यत: इसकी आयु 20 से 40 वर्ष के बीच हो सकती है। यह बड़े तेज़ी से उड़ सकने वाले पक्षी है और इसकी बोलचाल क्षमता और रंगीन पंखों के लिए बहुतंत्रीता से जाना जाता है।

सभी प्राणिमात्र की जीवनकाल आयु में विविधता हो सकती है और यह उसके जीवन के विभिन्न चरणों, प्रजनन गुणस्तर, परिस्थितियों, खानपान, जगह, वातावरणीय स्थितियों और आराम स्थितियों पर निर्भर कर सकती है। इन आयु आंकड़ों को एक आम संदर्भ में लेना चाहिए |

पृथ्वी-पर-सबसे-ज्यादा-जीने-वाला-प्राणी-कौन-कौन-है  .
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निष्कर्ष :

पृथ्वी पर सबसे ज्यादा जीने वाला प्राणी मानव (Human) है। हमारी जबान, सोचने की क्षमता, और सामाजिक संगठन की विशेषताएँ हमें अन्य सभी प्राणियों से अलग बनाती हैं और हमें पृथ्वी पर सबसे विकसित जीवन बनाती हैं। यह भी ध्यान देने वाला है कि पृथ्वी पर अनेक प्रकार के जीवन रहते हैं, लेकिन मानव ही एकमात्र जीवन है जो तकनीकी और सांस्कृतिक दृष्टि से इतना आगे बढ़ा है।

वैसे तो कछुए भी बहुत लम्बे समय तक जीवित रहनेवाले प्राणी मेसे है और भी कई जिव है जो लम्बे समय तक इस पृथ्वी पर जीवित रहते है |

FAQ –

पक्षियों में सबसे ज्यादा उम्र किसकी होती है |

अल्बेट्रॉस, समुद्री क्षेत्रों में विकसित होने वाला एक बड़ा पक्षी है जो वायुमंडल का उपयोग करके लम्बी दूरी को तै करने के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी आयु प्रजातियों के हिसाब से ४० से ७० वर्ष तक की होती है |

सबसे कम जीने वाला जीव |

पृथ्वी पर सबसे कम जीनेवाला जिव मच्छर है जिसका जीवनकाल २४ घंटे तक का होता है |

सबसे ज्यादा जीने वाला जानवर

२०१६ के एक स्टडी रिचर्स के अनुसार गिनलैंड शार्क की आयु 392 वर्ष के आसपास तक मापी गई हुई है |

कौन सा जानवर 200 साल तक जीवित रहता है?

कछुआ धरती पर एक ऐसा प्राणी है जिसकी औसत आयु 200 साल के आसपास होती है |

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